Home Loan Interest Rate: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में ब्याज दरों में बड़ी कटौती कर सकता है। इसका कारण मुद्रास्फीति में कमी है।
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (SPI) मुद्रास्फीति मार्च 2025 में घटकर 3.34% रह गई, जो 67 महीनों में सबसे कम है। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट है।
अगले वर्ष मुद्रास्फीति में और गिरावट आने की उम्मीद है। एसबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 में औसत मुद्रास्फीति 4% से नीचे रहेगी और पहली तिमाही में 3% से नीचे आ सकती है।
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ब्याज दरों में कितनी कटौती हुई?
रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई जून और अगस्त 2025 में 75 आधार अंकों (0.75%) की कटौती कर सकता है। इसके बाद, वर्ष की दूसरी छमाही में 50 आधार अंकों (0.50%) की और कटौती हो सकती है।
कुल मिलाकर, आरबीआई ब्याज दरों में 125-150 आधार अंकों (1.25-1.50%) की कटौती कर सकता है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो मार्च तक ब्याज दरें तटस्थ दर से नीचे आ सकती हैं
आरबीआई के लिए बेहतरीन अवसर
एसबीआई रिसर्च ने इसे ब्याज दरों में कमी का ‘गोल्डीलॉक्स काल’ बताया है। इसका मतलब यह है कि मुद्रास्फीति कम है और देश की आर्थिक वृद्धि (नाममात्र जीडीपी) 9-9.5% के बीच रहने की उम्मीद है।
ऐसे में आरबीआई के लिए ब्याज दरों में कटौती करने का यह सही समय है। 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती एक मजबूत संदेश दे सकती है।

क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?
रिपोर्ट में एक चुनौती का भी उल्लेख किया गया है। कम ब्याज दरें बैंक जमा दरों को भी कम कर सकती हैं। इससे जमा वृद्धि धीमी हो सकती है, जबकि ऋण की मांग बढ़ सकती है। इससे बैंकों के लिए ऋण-जमा अंतर बढ़ सकता है।
एसबीआई रिसर्च का कहना है कि तरलता की कोई कमी नहीं होगी। इसे आरबीआई के खुले बाजार परिचालन (OMO) और अच्छे लाभांश हस्तांतरण से सहायता मिलेगी। इससे बांड पर प्राप्ति 6% के करीब रह सकती है, जिसमें मामूली गिरावट की उम्मीद है।

ब्याज दर कितनी रहेगी?
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 5 मई, 2025 तक 800+ क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को 7.85 प्रतिशत ब्याज पर होम लोन दे रहे हैं।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, यदि रिपोर्ट की गई दर 1.25 प्रतिशत घटकर 4.75 प्रतिशत हो जाती है, तो बैंक होम लोन पर ब्याज दरों में भी कटौती करेंगे। इस मामले में, वही बैंक 7.85 प्रतिशत के बजाय 6.6 प्रतिशत पर गृह ऋण दे सकते हैं।