Sahuwala News : नाथूसरी चौपटा के गांव साहुवाला II में किसानों को फसल की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच के बताए फायदे, ग्वार की फसल में जड़ सड़न रोग का कैसे करें उपचार

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Sahuwala News : खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में अधिक ग्वार की बिजाई कर उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से सिरसा जिले के नाथूसरी खंड के गांव साहुवाला द्वितीय में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया ।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लॉक नाथूसरी चौपटा के एटीएम डॉ. मदन सिंह थे तथा अध्यक्षता डॉ. एस.के. प्रेमपाल मुख्य अतिथि ने किसानों को सलाह दी कि वे किसी भी फसल की बुआई से पहले अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच कराएं तथा मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही उर्वरक का प्रयोग करें । Sahuwala News

मृदा परीक्षण से पता चलता है कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है । ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने कहा कि इस क्षेत्र की अधिकांश मिट्टी हल्की है और जड़ सड़न रोग बढ़ रहा है तथा किसान इस रोग और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूक नहीं हैं ।

इसलिए, इस प्रकार का प्रशिक्षण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है । इसी को ध्यान में रखते हुए इस गांव में पहली बार ग्वार फसल पर प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है । किसानों को मौके पर ही बीज उपचार की विधि बताई गई तथा इसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई । Sahuwala News

इस रोग की रोकथाम के लिए 3 ग्राम कार्बंडाजिम 50 प्रतिशत (बेविस्टीन) प्रति किलोग्राम बीज की दर से सूखा उपचार करने के बाद ही बुवाई करनी चाहिए । ऐसा करने से 80 से 95 प्रतिशत बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है ।

जड़ सड़न का उपचार बीज उपचार से मात्र 15 रूपये में संभव है । ग्वार विशेषज्ञ ने कहा कि इस रोग की रोकथाम के लिए बीज उपचार ही एकमात्र उपाय है । Sahuwala News

इस क्षेत्र की अधिकांश मिट्टी हल्की है, इसलिए किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में एचजी 365 व एचजी 563 ही बोनी चाहिए । ये किस्में 85 से 100 दिनों में पक जाती हैं ।

मध्यम प्रकार की मिट्टी में ग्वार किस्म एचजी 2-20 की सिफारिश की जाती है । ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने कहा कि ग्वार की हल्की मिट्टी में अच्छी पैदावार लेने के लिए खेत में खाद अवश्य डालें, इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी ।

सेमिनार के दौरान डॉ. यादव ने किसानों को विशेष सलाह देते हुए कहा कि क्षेत्र में पानी की कमी है तथा जल स्तर बहुत नीचे चला जा रहा है । इसलिए किसानों को पानी देकर ग्वार की बुवाई नहीं करनी चाहिए । Sahuwala News

ग्वार की अच्छी पैदावार लेने के लिए जून का दूसरा पखवाड़ा बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है, लेकिन जिस किसान के पास ग्वार की पौध के लिए अच्छी किस्म का अतिरिक्त पानी व सिंचाई उपलब्ध है, वह मध्य जून माह में भी बुवाई कर सकता है ।

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इस अवसर पर शिविर में उपस्थित 81 किसानों को हिंदुस्तान गम एंड केमिकल्स भिवानी द्वारा बीज उपचार हेतु दो एकड़ में वेबस्टीन दवा, एक मास्क व एक जोड़ी दस्ताने वितरित किए गए । इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें पांच किसानों से प्रश्न पूछे गए तथा सही उत्तर देने पर पुरस्कार दिए गए ।

इस कार्यक्रम के आयोजन में ग्रामीण सुशील कुमार व प्रदीप कुमार का विशेष योगदान रहा । इस मौके पर राज कुमार, सुभाष, देवीलाल, सज्जन सिंह, जगदीश, छबीलदास, संदीप कुमार, हरफूल सिंह, मांगेराम सहित अन्य किसान मौजूद थे ।

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