Gusaiana News : सिरसा के गाँव गुसाईयाना में ग्वार की फसल के पीले पड़ रहे पत्ते, कृषि वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह

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Gusaiana News : सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा ब्लॉक के गाँव गुसाईयाना में ग्वार फसल पर आयोजित स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर में बोलते हुए, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 28 वर्षों तक कार्यरत ग्वार वैज्ञानिक डॉ. बी.डी. यादव ने कहा कि सफेद मक्खी, हरा तेला और जीवाणु जनित रोगों का प्रकोप बढ़ गया है ।
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जानकारी के अभाव में किसान बिना सलाह के कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं और उन्हें डर रहता है कि इससे फसल को नुकसान होगा । इसलिए, किसानों को कीटों और रोगों की सही पहचान करनी चाहिए और आवश्यकतानुसार कीटनाशकों का उचित चयन करना चाहिए । Gusaiana News

ग्वार की फसल में लगने वाले कीट एवं फफूंद जनित रोगों के उपचार के बारे में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह पर दवाइयाँ खरीदें । यह बात चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 28 वर्षों तक कार्यरत रहे सेवानिवृत्त ग्वार वैज्ञानिक डॉ. बी.डी. यादव ने सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा खंड के गाँव गुसाईयाना में ग्वार की फसल पर आयोजित स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर में कही ।

कार्यक्रम एटीएम नाथूसरी में आयोजित किया गया, जिसकी देखरेख डॉ. मदन सिंह ने की । गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को ग्वार की प्रमुख बीमारियों के लक्षणों और उनकी रोकथाम के बारे में जानकारी प्रदान करना है ।

ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने बताया कि जीवाणु संक्रमण की प्रारंभिक अवस्था में पत्तियाँ किनारे से पीली पड़ जाती हैं और बाद में धीरे-धीरे किनारे काले पड़ जाते हैं । इस प्रकार की रोग अवस्था पैदावार को कम करने में सबसे अधिक हानिकारक होती है । ऐसी स्थिति आने से पहले ही इस रोग की रोकथाम बहुत ज़रूरी है । Gusaiana News

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ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने बताया कि जीवाणु जनित रोगों और फफूंद जनित रोगों की रोकथाम के लिए 30 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन और 400 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए ।

उपरोक्त घोल में मैलाथियान-50 ई.सी. या डाइमेथोएट (रोगोर) 30 ई.सी. प्रति एकड़ की दर से मिलाएँ और पहला छिड़काव बुवाई के 40-45 दिन बाद और अगला छिड़काव 12-15 दिन के अंतराल पर करें । उन्होंने इसके नियंत्रण के लिए उपयुक्त दवाओं के नाम और मात्रा तथा सही घोल बनाने की विधि के बारे में बताया । Gusaiana News

ग्वार की फसल पर प्रशिक्षण में बोलते हुए डॉ. मदन सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे दवा खरीदते समय फार्मासिस्ट से पक्का बिल लें और बिल पर बैच नंबर अवश्य लिखें । इसके अलावा, दवा की बोतल पर लिखी एक्सपायरी डेट देखकर ही दवा खरीदें ।

शिविर में उपस्थित 55 किसानों को सैंपल के तौर पर स्ट्रेप्टोसाइक्लिन के 5-5 पाउच, प्रति एकड़ एक स्प्रे तथा स्प्रे से होने वाले नुकसान से बचने के लिए हिंदुस्तान गम एंड केमिकल्स भिवानी की ओर से प्रत्येक किसान को मास्क भी दिए गए । इस कार्यक्रम के आयोजन में गांव के सरपंच का विशेष योगदान रहा । इसके अलावा, मुंशीराम, बलवीर सिंह, हवा सिंह, धन्नाराम, रामस्वरूप, प्रहलाद, अजय कुमार सहित अन्य किसान मौजूद रहे । Gusaiana News

 

 

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