New Jammu Railway Division: कश्मीर के लिए वंदे भारत ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय रेलवे का 70वां और नया जम्मू रेलवे डिवीजन 1 जून से चालू हो गया है।
जम्मू का नया रेलवे डिवीजन उत्तर रेलवे के तहत काम करेगा और इसका मुख्यालय जम्मू तवी में होगा। इस डिवीजन में ज्यादातर इलाके फिरोजपुर डिवीजन से लिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जनवरी को नए जम्मू रेलवे डिवीजन का उद्घाटन किया। यह हिमालयी क्षेत्र का पहला रेलवे डिवीजन है, जो कई रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजनाओं की देखरेख करेगा।
New Jammu Railway Division

29 मई, 2025 को जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक कुल 742 किलोमीटर का इलाका जम्मू डिवीजन के तहत आएगा। इसमें पठानकोट-जम्मू-शहीद कैप्टन तुषार महाजन-श्रीनगर-बारामूला (423 किमी), भोगपुर सिरवाल-पठानकोट (87 किमी), बटाला-पठानकोट (68 किमी) और पठानकोट-जोगिंदर नगर नैरो गेज सेक्शन (164 किमी) जैसे प्रमुख रेलवे सेक्शन हैं।
कश्मीर के लिए काफी अहम है नया डिवीजन
उत्तर रेलवे के तहत जम्मू में नए रेलवे डिवीजन की स्थापना रेलवे की महत्वाकांक्षी रेलवे परियोजना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (कश्मीर लाइन) के लिए काफी अहम मानी जा रही है। रेलवे परियोजना का आंशिक काम पहले ही चल रहा है।

कटरा से बनिहाल तक 111 किमी का सेक्शन अब पूरा हो चुका है। इस रेलवे सेक्शन के उद्घाटन का जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे देश के यात्री इंतजार कर रहे हैं। इसके शुरू होने के बाद कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्सों से सीधी रेल से जुड़ जाएगी।
नया जम्मू डिवीजन जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के क्षेत्रों की परिवहन जरूरतों को पूरा करेगा। इस डिवीजन में 11 प्रमुख कार्गो गोदाम और टर्मिनल शामिल हैं, जो अनाज, पेट्रोलियम, सीमेंट, चीनी, कोयला, उर्वरक, मौसमी फल और सब्जियों जैसी वस्तुओं के परिवहन में मदद करेंगे।
सीमा क्षेत्र में परियोजनाओं को गति मिलेगी
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि पहले फिरोजपुर डिवीजन के तहत आने वाले इन क्षेत्रों में लंबी दूरी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
जम्मू में नए डिवीजन मुख्यालय के साथ, अब सीमा क्षेत्रों में परियोजनाओं को लागू करना आसान होगा। इसके अलावा, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक जैसी परियोजनाओं की निरंतर निगरानी भी बेहतर होगी। इसी रेल लिंक पर कटरा से कश्मीर तक ट्रेनें चलेंगी।

रेलवे अधिकारी ने आगे कहा कि रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए इस डिवीजन में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा रहा है। डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) जैसे कई वरिष्ठ पदों को भरा गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यूएसबीआरएल परियोजना, यानी कश्मीर तक ट्रेनें चलाने के बाद, रेलवे अब सीमा क्षेत्रों की ओर लाइनों का विस्तार करने की योजना पर काम कर रहा है। इसका लक्ष्य भारतीय रेलवे का विस्तार लेह तक करना है।