Sirsa News : चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा, हरियाणा ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक जागरूकता और स्वदेशी के प्रेरणास्रोत सतगुरु राम सिंह जी को श्रद्धांजलि देते हुए विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल का नाम ‘सतगुरु राम सिंह ऑडिटोरियम’ रखने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है । यह निर्णय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई द्वारा लिया गया ।
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विश्वविद्यालय के कार्यकारी अभियंता राकेश गोदारा ने बताया कि यह निर्णय विश्वविद्यालय में विभिन्न भवनों के नामकरण की प्रक्रिया के तहत लिया गया । इससे पहले टीचिंग ब्लॉक-5 का नाम ‘माता अहिल्याबाई होल्कर भवन’ रखा गया है । अब विश्वविद्यालय परिसर में ‘सतगुरु राम सिंह ऑडिटोरियम’ के रूप में एक और प्रेरणादायी स्थल जुड़ने जा रहा है ।
कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि सतगुरु राम सिंह जी 19वीं सदी के महान संत, समाज सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे । उन्होंने नामधारी आंदोलन शुरू किया और स्वदेशी, बहिष्कार आंदोलन, महिला सशक्तिकरण, बाल विवाह विरोधी, नशा मुक्ति और जातिवाद उन्मूलन जैसे कई सामाजिक सुधारों का नेतृत्व किया । उनके अनुयायी उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिए पहली संगठित क्रांति का जनक मानते हैं ।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा, “सतगुरु राम सिंह जी न केवल एक धार्मिक संत थे, बल्कि वे सामाजिक क्रांति के अग्रदूत भी थे । विश्वविद्यालय परिसर में उनके नाम पर एक सभागार स्थापित करने से देशभक्ति, अनुशासन, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भरता का संदेश जाएगा ।” Sirsa News
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक विरासत और प्रेरक इतिहास से जोड़ने का प्रयास करता है । ‘सतगुरु राम सिंह सभागार’ इस दिशा में एक सार्थक पहल है । Sirsa News
कुलपति प्रो. बिश्नोई ने कहा कि बसंत पंचमी के पावन दिन 3 फरवरी, 1816 को सतगुरु राम सिंह जी का जन्म पंजाब के लुधियाना जिले के राईयां भैणी गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था और उन्होंने भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्त कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था । उन्होंने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए पंजाब की धरती से लेकर रूस तक क्रांतिकारी विचारधारा फैलाई । Sirsa News
गुरु राम सिंह जी ने पंजाब में अपने कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए 22 प्रांत नियुक्त किये थे । इनमें से एक सुबा खुशहाल सिंह सिरसा जिले के थराज गांव का निवासी था । सूबा सुद्ध सिंह अंबाला जिले के मंडोर गांव के निवासी थे। रायकोट में फांसी पर लटकाए गए मालवा कोर्ट के जज रतन सिंह फतेहाबाद जिले के अपने पैतृक गांव बड़ोपल के रहने वाले थे । कश्मीर के राजा रणबीर सिंह ने 250 कूकाओं को सैन्य प्रशिक्षण के लिए भर्ती किया था । उनके कमांडर सरदार हीरा सिंह लंबू थे जो साढौरा जिला यमुनानगर के रहने वाले थे । Sirsa News